हिना और मेहंदी के नाम से एक झाड़ीदार पौधा सौंदर्य वर्धक साधन के रूप में प्रयोग होता है. मेहंदी की बाढ़ बागों के किनारे लगायी जाती है. यह कम पानी में भी फूलता फलता है. इसलिए रेगिस्तान के इलाके में और उन जगहों पर जहाँ पानी की कमी हो मेहंदी आसानी से हो जाती है.
इसकी पत्तियां श्रंगार के लिए बालों और हाथों को रंगने में प्रयोग की जाती हैं. मेहंदी एक प्राकृतिक हेयर कंडीशनर है. हिना के नाम पर हर्बल हेयर कलर मार्किट में बहुत बिक रहे हैं. इनमे हिना से ज़्यादा नकली रंग पड़ा होता है.
हिना का स्वाभाव ठंडा है. इसका प्रयोग स्किन की बिमारियों ठीक करता है. स्किन के दाग धब्बे, जलन खुजली में हिना का प्रयोग लाभदायक है. नीम की पत्तियों के साथ मिलकर हिना की पत्तियां बिना कुचले या पीसे रात को पानी में भिगोकर सुबह वह पानी पीने से स्किन के रोग दूर होते हैं.
नील के पौधे की पत्तियां और हिना की पत्तियां बराबर मात्रा में पीसकर बालों पर लगाने से नेचुरल काला भूरा रंग आता है. पुराने समय में नील और हिना को ही बालों को रंगने में प्रयोग किया जाता था.
इसकी पत्तियां श्रंगार के लिए बालों और हाथों को रंगने में प्रयोग की जाती हैं. मेहंदी एक प्राकृतिक हेयर कंडीशनर है. हिना के नाम पर हर्बल हेयर कलर मार्किट में बहुत बिक रहे हैं. इनमे हिना से ज़्यादा नकली रंग पड़ा होता है.
हिना का स्वाभाव ठंडा है. इसका प्रयोग स्किन की बिमारियों ठीक करता है. स्किन के दाग धब्बे, जलन खुजली में हिना का प्रयोग लाभदायक है. नीम की पत्तियों के साथ मिलकर हिना की पत्तियां बिना कुचले या पीसे रात को पानी में भिगोकर सुबह वह पानी पीने से स्किन के रोग दूर होते हैं.
नील के पौधे की पत्तियां और हिना की पत्तियां बराबर मात्रा में पीसकर बालों पर लगाने से नेचुरल काला भूरा रंग आता है. पुराने समय में नील और हिना को ही बालों को रंगने में प्रयोग किया जाता था.
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