Thursday, August 25, 2016

चार बजे का फूल

चार बजे का फूल जो दोपहर बाद चार बजे खिलता है, का दूसरा नाम गुले अब्बास है. इसे आम भाषा में गुलाबास भी कहते हैं. अंग्रेजी भाषा में इसका नाम clavillia और साइंटिफिक नाम  Mirabilis jalapa  है. ये एक खूबसूरत फूल है. कई रंगों में पाया जाता है.

इसकी जड़ या कंद ज़मीन में सुरक्षित रहता है. वैसे तो ये मौसमी फूल है. इसके पौधे बीज से या फिर कंद से उगते हैं. अगस्त, सितंबर  से इसमें फूल आने लगते हैं और जाड़ों भर फूलता रहता है. जाड़ों के बाद पौधा सूख जाता है और ज़मीन में कंद रह जाता है जिससे बरसात में पौधे निकलते हैं.
इसके कंद को उबाल कर सिरके में डाल देते हैं. जिससे वह खाने के लिए सुरक्षित रहता है. इसके अंदर जीवाणुओं और वायरस और फफूंद को नष्ट करने की शक्ति है. बरसों से इसका इस्तेमाल पेट के रोगों को दूर करने में किया जा रहा है. ये दस्त और पेशाब लाने वाली बूटी है. पेट को साफ़ करने में इसका प्रयोग होता है. स्वाभाव से ये गर्म है. इसके खाने से अबॉर्शन होने का खतरा है. इसका इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए.
इसके बीजों में ज़हरीला पदार्थ पाया जाता है. बीज खाने के काम नहीं आते. अजीब बात ये है कि इसका एक बीज अगर भूनकर खाया जाए तो खांसी में बहुत लाभ करता है. इसका बीज गर्म राख में डालने से भूनकर चटक जाता है और छिटककर दूर जा गिरता है. बीज भूनने में सावधानी बरतें. भुनने के बाद बीज के अंदर की गिरी पॉपकार्न के तरह फूल जाती है और टेस्टी हो जाती है.

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